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चूड़ों की बस्ती, भड़ला, नूरे की भुर्ज और गामनों की बस्ती को मिलाकर आसपास के 10 गांवों के 3000 से ज़्यादा विद्यार्थियों को सौर्य ऊर्जा द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों से लाभ हुआ है।

यहाँ शिक्षा का मुख्य उद्देश्य चारदीवारी को संभावनाओं के द्वार में बदलना है। भड़ला के आसपास का क्षेत्र एक ऐसी ही चारदीवारी था, एक पिछड़ा क्षेत्र जहां कुछ ही सरकारी स्कूल थे और वे भी ठीक तरह से संचालित नहीं थे। बुनियादी ढांचे की कमी के कारण विद्यार्थी स्कूल में दाखिला नहीं लेते थे और पेरेंट्स भी बच्चों को पढ़ाने में अपनी रुचि नहीं दिखाते थे।

इस स्थिति में बदलाव करते हुये सौर्य ऊर्जा ने शिक्षा के क्षेत्र में और सोलर पार्क के आसपास के निवासियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सौर्य ऊर्जा द्वारा नज़दीकी रहवासियों को आधारभूत शिक्षा प्रदान करने और स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार पर मुख्य तौर पर ज़ोर दिया गया है।

प्रमुख कार्य क्षेत्र

शैक्षिक गतिविधियां​

स्कूल बैग और अन्य ज़रूरी चीजों का वितरण

सकूलो के संरचनात्मक
ढांचे का विकास

कंप्यूटर लैब की स्थापना

मोबाइल साइंस लैब
का संचालन

शैक्षिक गतिविधियां

स्कूल नहीं जाने वाले विद्यार्थियों के लिए लर्निंग सेंटर्स

भड़ला और आसपास के कुछ गांवों में सरकारी स्कूल संचालित नहीं थे, इसलिए इन्हें सकारात्मक बदलाव लाने के लिए लर्निंग सेंटर्स में बदला गया। लगभग 150 विद्यार्थियों के साथ सौर्य ऊर्जा द्वारा नूरे की भुर्ज, यूनियन सर्कल, चूड़ों की बस्ती और गामनों की बस्ती में 4 ऐसे लर्निंग सेंटर्स संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से एक सेंटर विशेष तौर पर 15 साल से बड़ी लड़कियों के लिए है। यहाँ इन्हें औपचारिक शिक्षा के साथ ही जीवन की विभिन्न कुशलताओं की ट्रेनिंग दी जाती है, और सामान्य स्वच्छता की शिक्षा भी दी जाती है।

एक लर्निंग सेंटर प्रवासी श्रमिकों के लिए चल रहा है, ताकि उनके बच्चे शिक्षा से वंचित न रहें। यहाँ एक तरह से क्रेच का भी संचालन किया जाता है, बच्चों के माता-पिता जब मजदूरी पर जाते हैं तो उनके बच्चों की देखभाल इस क्रेच में की जाती है।

हालही में कुछ पेरेंट्स को बहुत खुशी हुई जब इन लर्निंग सेंटर्स से एक लड़के और तीन लड़कियों ने दसवीं कक्षा पास की। ये बच्चे अपने गाँव में दसवीं पास करने वाले पहले बच्चे हैं। ये बच्चे अपने गाँव में दसवीं पास करने वाले पहले बच्चे हैं।

पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले बच्चों को ओपन स्कूल एज्यूकेशन के माध्यम से फिर से शिक्षा से जोड़ना

बीच में हार मानना यानी काम बीच में ही छोड़ना। कंपनी ने पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले बच्चों को ओपन स्कूल के माध्यम से फिर से पढ़ाई से जोड़ा है। भड़ला और इसके आसपास के क्षेत्रों में लोगों को राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल से दसवीं के फॉर्म भरने के लिए जागरूक करने के लिए पैंप्लेट, बैनर और लाउडस्पीकर के माध्यम से जागरूक करने के लिए बड़े स्तर पर कैम्पेन किया जाता है। कंपनी विद्यार्थियों को फॉर्म भरने, विषय चुनने और परीक्षा की तैयारी करने में भी मदद करती है।

सरकारी स्कूलों में नामांकन वृद्धि और ड्रॉप-आउट में कमी

अगर हम पश्चिमी राजस्थान में साक्षरता दर देखें, तो हम देख सकते हैं कि यहाँ आने वाले कई सालों तक कम्यूनिटी एज्यूकेशन एक्टिविटीज़ की आवश्यकता होगी। जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता दर पिछले कुछ सालों में थोड़ी बढ़ी है, लेकिन महिला साक्षरता दर 50% से कम है। से में अशिक्षित माता-पिता को बच्चों की शिक्षा की ओर ध्यान देने की ज़रूरत है। से में अशिक्षित माता-पिता को बच्चों की शिक्षा की ओर ध्यान देने की ज़रूरत है। बाप/फलौदी क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने और बच्चों की पढ़ाई जारी रखने की दिशा में कंपनी निम्न पहल कर रही है:

  • बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पेरेंट्स को प्रेरित करने के लिए बड़े स्तर पर नामांकन अभियान चलाया जा रहा है।
  • सामाजिक उत्थान के लिए कम्यूनिटी मीटिंग्स और एज्यूकेशन कॉन्फ्रेंस का नियमित रूप से संचालन किया जा रहा है।
  • कंपनी ने आंगनबाड़ी स्कूलों में प्री-एलिमिनेट्री प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं, ताकि युवा बच्चों का नामांकन बढ़ाया जा सके और वे सामान्य कुशलताएं सीख सकें।
मजेदार शैक्षिक वातावरण

स्कूल जाना ज़रूरी है और विद्यार्थियों को यह बात पता होनी चाहिए। निरंतर भागीदारी को सुनिश्चित करने और विद्यार्थियों व फ़ैकल्टी मेंबर्स दोनों की रुचि के लिए, कंपनी ने ऐसी एक्टिविटीज़ की शुरुआत की है जिनसे दिमाग तेज़ और एक्टिव रहता है।

  • 17 सरकारी स्कूलों में आकर्षक और शैक्षिक वॉल पेंटिंग
  • 17 सरकारी स्कूलों में टीचर लर्निंग मैटेरियल जैसे चार्ट, मॉडल्स, ग्लोब, मैप, लाइब्रेरी बुक्स, डिजिटल मैटेरियल
  • समय-समय पर लर्निंग फेस्टिवल/बाल-मेला का आयोजन
  • टीचर्स के लिए वर्कशॉप के साथ ही 10 स्कूलों में स्पोकन इंगलिश क्लासेज
  • 10 स्कूलों में प्राथमिक उपचार पेटी (फ़र्स्ट एड बॉक्स) और शिक्षण सामग्री की उपलब्धता

स्कूल बैग और अन्य ज़रूरी चीजों का वितरण

एक सर्वे से यह पता चला है कि स्कूल बैग और राइटिंग डेस्क के बिना स्टूडेंट्स अच्छे से नहीं सीख पाते हैं। इसके समाधान के लिए, भड़ला और इसके आसपास के गांवों के 11 स्कूलों और 2 लर्निंग सेंटर्स में सिटिंग स्टूल/राइटिंग डेस्क सहित 1000 विशेष स्कूल बैग्स का वितरण किया गया है।

आरामदायक सुविधा के बिना बच्चों के लिए पढ़ाई करना मुश्किल होता है, इसलिए बच्चों की आधारभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वेटर, दरी, पंखे, गेंहू के ड्रम और सीखने की चीजें वितरित की गई।

कंप्यूटर लैब का विकास

आने वाला भविष्य डिजिटल युग का है, इसे समझते हुये सौर्य ऊर्जा ने एक स्थानीय सरकारी स्कूल में कंप्यूटर, यूपीएस, प्रोजेक्टर, प्रिन्टर, स्पीकर आदि के साथ लैब विकसित की है।

सरकारी स्कूलों में संरचनात्मक ढांचे का विकास

टूटे-फूटे कक्षा के कमरे और बेकार हालात के शौचालय, ऐसे में बच्चे स्कूल जाने और शिक्षा पाने में रुचि नहीं दिखाते हैं। सौर्य ऊर्जा ने इस स्थिति को समझा और सरकारी स्कूलों में इन चीजों के साथ बुनियादी ढांचे का विकास किया है:

  • राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्लास रूम्स का निर्माण 
  • शौचालयों का निर्माण
  • बड़े मुख्य द्वार का निर्माण
  • सुरक्षा दीवार का निर्माण
  • स्कूल बिल्डिंग और किचन का निर्माण
  • 10 स्कूलों में पुस्तकालय खोलने का काम प्रक्रियाधीन
  • विद्यालय प्रांगण में ग्रेडिंग और लेवलिंग का काम
  • बैठने की दरी, टेबल-कुर्सी, पुस्तकालय, वाटर कैम्पर, खेल सामग्री, पढ़ाने की सामग्री आदि।
  • 17 स्कूलों में सुंदरता के लिए वॉल पेंटिंग
  • राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 4 हॉल का निर्माण
शौचालयों का मरम्मत कार्य

स्वच्छता एक आम ज़रूरत है और इन अच्छी आदतों का विकास बचपन से ही होना चाहिए। इसके मद्देनजर 5 स्थानीय स्कूलों में सौर्य ऊर्जा द्वारा स्कूलों में शौचालयों की मरम्मत और जीर्णोद्धार का काम करवाया गया ताकि बच्चों को साफ पानी युक्त, बेहतर शौचालयों उपलब्ध हो सकें।

मोबाइल साइंस लैब का संचालन

कई बार बच्चों के लिए स्कूल जाना और सीखना एकदम डराने जैसा होता है। इसके समाधान के लिए, सौर्य ऊर्जा ने स्कूल को ही बच्चों तक पहुंचा दिया। सौर्य ऊर्जा ने चलित विज्ञान प्रयोगशाला (मूवेबल साइंस लैब्स) के माध्यम से 22 सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए अभिनव प्रयोग आधारित शिक्षा अनुभव (इनोवेटिव एक्स्प्रिमेंट-बेस्ड लर्निंग एक्सपीरियंस) प्रदान करने का एक सिस्टम विकसित किया है।

यह कार्यक्रम वैज्ञानिक तोर-तरीकों और विज्ञान को सीखने के जानकारी-आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।

2000+

विद्यार्थी लाभान्वित

3000+

साइंटिफिक किट वितरित