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कार्मिकों की कुशलता और योग्यता का विकास करते हुये गांवों में बड़ी संख्या में मौजूद प्रतिभा का लाभ उठाया जा सकता है, जिससे कि अर्थव्यवस्था और समुदाय दोनों को फायदा होगा। इसी के मद्देनज़र सौर्य ऊर्जा ने अपने स्किल डवलपमेंट और सोलर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से ऐसे लोगों के लिए ज़्यादा से ज़्यादा रोज़गार के अवसर पैदा किए हैं।

सौर्य ऊर्जा अपने स्किल डवलपमेंट प्रोग्राम के ट्रेनीज़ को प्रेक्टिकल ट्रेनिंग और रोज़गार के अवसर निःशुल्क प्रदान कर रहा है।

सौर्य ऊर्जा ने साल 2019 में अपने सोलर पार्क में स्किल डवलपमेंट और सोलर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शुरू किया। इसकी सफलता के बाद, इसे फलौदी में भी शुरू किया गया ताकि ज़्यादा से ज़्यादा युवा इस पहल का लाभ उठा सकें। इस इंस्टीट्यूट का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को रोज़गार आधारित कौशल प्रशिक्षण देना है। इस पहल से युवाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर पैदा हुये हैं जैसे कि डोमेस्टिक डेटा एंट्री ऑपरेटर, प्लम्बर, सोलर पीवी इन्स्टॉलर,मेसन जनरल, टेलरिंग, असिस्टेंट इलेक्ट्रिशियन, और इस तरह के अन्य विभिन्न क्षेत्र।

स्किल डवलपमेंट और सोलर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
भड़ला सेंटर

23 दिसंबर 2019 को, आधिकारिक तौर पर इस सेंटर की शुरुआत की गई। इसकी शुरुआत के बाद से लगभग 40 युवाओं को निम्न ट्रेनिंग दी गई:

  • प्लम्बर जनरल
    जनरल (योग्यता: 5वीं) (420 घंटे की ट्रेनिंग)
  • सोलर पीवी इन्स्टॉलर
    (योग्यता: 10वीं) (400 घंटे की ट्रेनिंग)
फलौदी सेंटर

सितंबर 2020 में समाप्त हुये लॉकडाउन से पैदा हुई बेरोज़गारी की समस्या के समाधान के लिए इस सेंटर को पूरी तरह ऑपरेशनल मोड पर संचालित किया गया। कुछ महीनों में ही लगभग 120 युवाओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी है और 100 से ज़्यादा युवाओं को निम्न ट्रेनिंग दी जा रही हैं

  • सेल्फ एम्पलॉयड टेलर
    (योग्यता: 8वीं) (440 घंटे की ट्रेनिंग)
  • डोमेस्टिक डेटा एंट्री ऑपरेटर
    (योग्यता: 10वीं) (500 घंटे की ट्रेनिंग)
  • प्लम्बर जनरल
    जनरल (योग्यता: 5वीं) (420 घंटे की ट्रेनिंग)
  • सोलर पीवी इन्स्टॉलर
    (योग्यता: 10वीं) (400 घंटे की ट्रेनिंग)
सौर्य ऊर्जा का उद्देश्य आने वाले तीन सालों में लगभग 3000 युवाओं को ट्रेनिंग देकर रोज़गार प्रदान करना है।